Sunday, October 11, 2009

मीरा भायंदर में बसपा उम्मीदवार मुकेश कुमार मासूम की जीत निश्चित मुसलमान , दलित और उत्तर भारतीय मतदाता बने हाथी के साथी भायंदर , १४५, मीरा भायंदर विधान सभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के लोकप्रिय उम्मीदवार मुकेश कुमार मासूम को मुसलमान , दलित और उत्तर भारतीय मतदाताओं का भारी जनसमर्थन मिल रहा है, इस क्षेत्र में इन्हीं लोगों के मत निर्णायक हैं इसलिए मासूम की जीत पक्की मानी जा रही है। ज्ञात हो की यहाँ पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से गिल्बर्ट मेंडोसा चुनाव लड़ रहे हैं, भाजपा से नरेन्द्र मेहता और मनसे से चंद्रकांत वेती मैदान में हैं। गिल्बर्ट मेंडोसा आपराधिक छवि के हैं , इस कारण मीरा भायंदर के लोग उनकी जमानत जब्त karaanaa चाहते हैं, दो साल पहले नगरसेवक के चुनाव में यहाँ की जनता ne गिल्बर्ट को बुरी तरह हराया था, इतना ही नहीं , उनकी पत्नी तो महापौर थीं मगर फ़िर भी जनता न उन्हें हरा दिया था , इस बार भी लोग उनको हारने की तैयारी कर चुके हैं। भाजपा उमीदवार कुछ साल पहले रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया था, इस कारण व्यापारी समुदाय भी भाजपा को वोट नहीं करना चाहता , मुसलमान समाज तो किसी भी कीमत पर भाजपा सेना या मनसे को वोट सपोर्ट नहीं कर सकता, साम्प्रदायिक पाटी होने के कारण भाजपा मुस्लिम समाज में अपना विश्वाश खो चुकी है। उत्तर भारतीय समाज को पीटना मनसे को भारी पड़ रहा है, एक भी उत्तर भारतीय मनसे को वोट नहीं देना चाहता। जबकि यहाँ पर उत्तर भारतीय मतदाताओं की संख्या लाखों में हैं और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मुकेश कुमार मासूम यहाँ पर एकमात्र उत्तर भारतीय उम्मीदवार हैं। वे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के रहने वाले हैं इसलिए उत्तर भारतीय अपने लाडले उम्मीदवार मुकेश कुमार मासूम को ही जिताना चाहते हैं। काग्रेस के नेता मुजफ्फर हुसैन को टिकट नहीं मिलने से मुस्लिम समाज के लगभग ५० हजार मतदाताओं में भारी नाराजगी है, इसलिए वे राष्ट्रवादी कांग्रेस के गिल्बर्ट को समर्थन नहीं दे रहे हैं, मुस्लिम समाज यह समझ चुका है की बहुजन समाज पार्टी ही एक मात्र ऐसा विकल्प है जिसे समर्थन दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती मुस्लिम समाज की हिमायती मानी जाती हैं , यही कारण है की मुस्लिम समाज अब बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मुकेश कुमार मासूम को वोट देने का मन बना चुका है। दलित (चाहे महाराष्ट्र के हों , उत्तर प्रदेश के हों या फ़िर राजस्थान , गुजरात या देश के किसी भी हिस्से के ) ओबीसी , उत्तर भारतीय और मुस्लिम समाज की आवाज हाथी के साथ है । नरेंदर मेहता , गिल्बर्ट और मनसे दलालों को नोट बांटकर वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं जबकि मतदाता अब जागरूक हैं , भले ही वे पैसे लेंगे मगर वोट अपने दिल की आवाज को सुनकर करेंगे। और सबके दिल से यही आवाज आ रही है की बसपा उम्मीदवार साफ़ छवि का ईमानदार व्यक्ति है, साहित्यकार होने के साथ-साथ वरिष्ठ पत्रकार भी है। सर्वजन हिताय , सर्वजन सुखाय की नीति पर चलने वाली बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मुकेश कुमार मासूम की संभावित जीत को देखते हुए विपक्षी पार्टियों के हौसले पस्त हो चुके हैं।

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