सेवा में,
श्रीमान मनपा आयुक्त
मीरा भायंदर
विषय - क्रान्ति आनंद नगर , गणेश देवल नगर , भायंदर वेस्ट में गरीबों को पानी की किल्लत और दलालों द्वारा पानी की कालाबाजारी की शिकायत करने बाबत।
महोदय , नमस्कारआपका ध्यान क्रान्ति आनंद नगर , गणेश देवल नगर , भायंदर वेस्ट , जिला -थाने , महाराष्ट्र की तरफ़ आकर्षित करना चाहता हूँ, इस सम्बन्ध में मुझे स्थानीय लोगों की शिकायत मिली हैं की यहाँ पर कुछ दलाल मुख्य रोड पर ही मोटर लगाकर पानी खींच लेते हैं , इस कारण अन्दर झोपड़पट्टी में लोगों को पानी नहीं मिल पाटा , यहाँ रहने वाले गरीब लोग बूँद -बूँद पानी के लिए तरस रहे हैं। दूसरी तरफ़ जो यहाँ के दलाल लोग हैं, वे पानी का मोटर उखाड़कर बाजू में रखकर मोटर लगाते हैं। इस कारण यहाँ कुछ दलाल पानी की कालाबाजारी में लगे हुए हैं। इस सम्बन्ध में यहाँ के लोगों ने कई बार मनपा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई हैं मगर समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। अगर एक सप्ताह के अन्दर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो बहुजन समाज पार्टी की तरफ़ से मनपा कार्यालय पर सैकडों लोगों का मोर्चा निकाला जाएगा। इस सबकी जिम्मेदारी महानगर पालिका की होगी।कृपया इस पत्र का जवाब अति शीघ्र दे ।
निवेदक- मुकेश कुमार मासूममुंबई उपनगर सचिव
प्रतिलिपि-, मुख्यमंत्री महोदय,
महाराष्ट्र शासन
, राज्यपाल महोदय
प्रेस रिलीज
Wednesday, October 28, 2009
Saturday, October 24, 2009
वोट फॉर नोट
मैं , मुकेश कुमार मासूम पेशे से पत्रकार हूँ। पत्रकारों के संगठन 'राष्ट्रीय पत्रकार संघ -मुंबई " का अध्यक्ष भी हूँ। मुंबई संध्या (हिन्दी, मराठी, गुजराती) और वृत्त मानस (मराठी) दैनिक समाचार पत्र समूह का कार्यकारी सम्पादक हूँ। हाल ही में सम्पन्न हुए महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में मैंने १४५, मीरा भायंदर क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा , इस दौरान मुझे पता चला की लोगों ने लोकतंत्र का गला घोंटकर सरेआम नोट तंत्र बना दिया है। जिस तरह विपक्षी पार्टी के लोगों ने मतदाताओं और दलालों को नोट बांटे उससे हमारे सभ्य समाज का असली चेहरा उजागर हो गया। लोग वेश्याओं की तरह बोलियाँ लगा रहे थे । खरीदार खरीद रहे थे। बिकाऊ चीजें बिक रही थीं। सबसे घिनौना चेहरा था मीडिया का। राष्ट्र के चौथे स्तम्भ का दम भरने वाला मीडिया सबसे बड़े दलाल की भूमिका में था।
१० अक्टूबर को मेरी भायंदर वेस्ट में सभा थी। मैंने सहारा समय मुंबई के प्रसाद को इस सभा का निमंत्रण भेजा। कोई जवाब न आने पर मैंने उन्हें फोन लगाया । उन्होंने कहा की सभा कवर हो सकती है मगर इसके लिए तुम्हें कुछ करना होगा। उन्होंने बताया की कोई प्रभात नामक व्यक्ति मुझसे इस सम्बन्ध में बात करेंगे। कुछ देर बाद प्रभात का फोन आया। उनकी बात सुनकर मैं हैरत में रह गया। प्रभात मेरी एक सभा की न्यूज प्रसारित करने के बदले दो लाख मांग रहे थे। मेरे चौंकने पर उन्होंने मुझे एक लाख लास्ट कीमत बताई । कई और टीवी चैनल भी इसी भूमिका में नजर आए (उनमे एनडीटीवी शामिल नहीं है ) । मैं समझ गया की वोट फॉर बीएसपी कहने से जीत मिलने वाली नहीं है। असल में कई नेता पहले ही वोट फॉर नोट का नारा बुलंद कर चुके थे।
१० अक्टूबर को मेरी भायंदर वेस्ट में सभा थी। मैंने सहारा समय मुंबई के प्रसाद को इस सभा का निमंत्रण भेजा। कोई जवाब न आने पर मैंने उन्हें फोन लगाया । उन्होंने कहा की सभा कवर हो सकती है मगर इसके लिए तुम्हें कुछ करना होगा। उन्होंने बताया की कोई प्रभात नामक व्यक्ति मुझसे इस सम्बन्ध में बात करेंगे। कुछ देर बाद प्रभात का फोन आया। उनकी बात सुनकर मैं हैरत में रह गया। प्रभात मेरी एक सभा की न्यूज प्रसारित करने के बदले दो लाख मांग रहे थे। मेरे चौंकने पर उन्होंने मुझे एक लाख लास्ट कीमत बताई । कई और टीवी चैनल भी इसी भूमिका में नजर आए (उनमे एनडीटीवी शामिल नहीं है ) । मैं समझ गया की वोट फॉर बीएसपी कहने से जीत मिलने वाली नहीं है। असल में कई नेता पहले ही वोट फॉर नोट का नारा बुलंद कर चुके थे।
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